शाम को एक जूनियर का मैसेज आता है। पूछता है कि "भैया एक लड़का मुझे ईद के मौके पर भगवान श्री राम की फ़ोटो लगाने को कह रहा है, क्योंकि मैं हिन्दू हूँ। भैया आप मेरी जगह होंगे तो क्या करेंगे...??"
मैंने कहा कि वैसे नफरत के सौदागरों को अनफ़्रेंड कर दूंगा।
सुबह से ही अनेक पोस्ट नज़रों के सामने से गुजरने लगे थे कि सच्चे हिन्दू हो तो अपनी डीपी बदलो और श्री राम की फ़ोटो लगाओ। मुझे ये समझते देर ना लगी कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के नाम पर ये सारा नाटक सिर्फ़ इसलिए किया जा रहा है, ताकि मुसलमान वर्ग में एक डर का माहौल कायम किया जा सके। एंग्री वाले हनुमान जी मार्किट में यूँ ही नहीं आ गए है। हिंदुत्व का झंडा लिए कई पोटेंशियल बलात्कारियों ने उस तस्वीर को यत्र तत्र यहाँ वहाँ हर जगह लगाया ताकि वें मुसलमानों को बतला सकें कि मौका मिलने पर ये चिलंट की फौज आपको गदा से कुचल देगी।
ये सब के सब ज्यादा तर अपने अंतिम किशोरावस्था और शुरुआती बीस के दीवाने होते हैं, जिनके सर पर हिंदुत्व का झंडा गाड़ कर राजनीतिक दलालों के द्वारा साम्प्रदायिक तनाव बनाया जाता है।
भला आप ही बताइए कि ईद के मौके पर ऐसा अनुरोध बिना किसी तुच्छ मकसद के कैसे आ सकता है?
मैंने रामनवमी पे भगवान राम की एक भी तस्वीर गूगल से डाउनलोड नहीं की थी, ना ही लफंगों की तरह सड़कों पर त्राहिमाम मचाया था, फिर भी मैं हिन्दू था, आज ईद के मौके पर भी हिन्दू हूँ, कल भी हिन्दू रहूंगा। अपनी गुंडई का प्रमाण पत्र अपने पास रखो।
#EidMubarak
#अमनकौशिक
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